shiv chalisa lyrics Fundamentals Explained
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कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
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त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।
बुधवार – आप दीर्घायु तथा सदैव निरोगी रहते हैं.
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
अयोध्यादास आस कहैं तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक check here कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।